Tuesday, 24 June 2025

चुनार का किला- पुलिसिया अतिक्रमण के बाद अब निजी कंपनियों के कब्जे का शिकार ? | MRS Group Make Hotel in Chunar Fort

 

"Chunar -चुनार"... नाम सुनते ही आंखों के सामने एक प्राचीन किला उभर आता है, जो कभी सम्राट विक्रमादित्य की विरासत रहा, राजा भर्तृहरि की तपोभूमि बना। यहाँ हर पत्थर एक राजा, हर तहख़ाना एक रहस्य और हर दीवार एक कहानी है। फिर भी, दशकों से ये किला पुलिसिया ताले और सरकारी उपेक्षा की धूल फाँक रहा था। 
 
कई दशकों तक चुनार किला आम जनता के लिए लगभग बंद ही रहा। पुलिस विभाग के नियंत्रण में रहने के कारण, यह ऐतिहासिक धरोहर सिर्फ़ दूर से झाँकी जा सकी। लेकिन अब जब नज़रें इस पर पड़ीं, तो प्यार से नहीं – प्लान पास करवा कर 90 साल के लिए lease पे दे दिया गया।

 
 

क्या हो रहा है चुनार किले के साथ?

 
चुनार किले की 21.64 एकड़ की विरासत भूमि अब निजी कंपनियों के हवाले होने जा रही है- 90 साल की lease पर! सरकार के PPP मॉडल (Public Private Partnership) के तहत, यह ऐतिहासिक धरोहर अब The MRS Group और Golden Triangle Fort & Palace Pvt. Ltd. को सौंप दी जाएगी।
सरकार का उद्देश्य है कि इसे पूर्वांचल का पहला हेरिटेज होटल बनाया जाए, ठीक जैसलमेर के सूर्यगढ़ होटल की तर्ज पर।

PPP मॉडल क्या है?

 
सरल भाषा में समझें तो सरकार बोलेगी –
 
"हमारी ज़मीन, तुम्हारा पैसा, कमाओ भी तुम, पर मालिक हम ही रहेंगे।"
 
यानि, Private Company पैसा लगाएगी, होटल बनाएगी, संचालन करेगी, लेकिन किला technically सरकार का ही रहेगा।
और हाँ, आप भी technically बाहर से देख सकते हैं- अगर Entry Ticket और Room Charges अफोर्ड कर सकें तो!
 

अब क्या मिलेगा आपको चुनार में?

 
₹150 करोड़ का इन्वेस्टमेंट।
100 कमरों वाला होटल।
Royal मेरिज हाल, स्विमिंग पुल, रेस्टोरेंट आऊर न जाने का का।
राजा भर्तृहरि समाधि का मंदिरनुमा पुनर्निर्माण के साथ एक छोटा सा संग्रहालय, जो शायद आम जनता के लिए मुफ़्त रहेगा।
 

Room Rates?

सुनिए और अपने middle-class वाले लोग मन को संभालिए। चुनार किले को जैसलमेर के ‘सूर्यगढ़’ होटल की तर्ज पर बनाया जा रहा है जहां 1 रूम का कीमत है- ₹14,000 से लेकर ₹1,30,000 per night + 18% GST.
Means feel like a Maharaja – at ₹1,30,000 per night!

और आम जनता?

 
अब तक किला लगभग 90% बंद ही रहा पुलिस के कब्ज़े में, और अब जब खुलेगा... तो शायद जनता के लिए नहीं, पर्यटकों के लिए।
"पहले पुलिस वाले भगा देते थे, अब रिसेप्शनिस्ट और गार्ड भगाएगा- 'Sorry sir, private area'.

नौकरी मिलेगी क्या?

 
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 25% स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कही गई है।
लेकिन सवाल ये है- "क्या वो नौकरी होगी, या सिर्फ वर्दी पहनाकर दरवाज़ा खोलने की ड्यूटी?"
पहले लोकल लोग कहते थे- "कभी घुमा देंगे अंदर से..." अब कहेंगे – "भाई, मैं तो बस गार्ड हूँ!"

चुनार- Twin City of Varanasi?

 
Chunar को "Twin/Sister City of Varanasi" और Chunar Fort को "World’s oldest living fort" के रूप में प्रमोट करने की सिफारिश है। और साथ ही बनारस से निकटता के कारण, चुनार को ग्रेटर बनारस सर्किट के एक भाग के रूप में विकास के लिए भी सुझाव है।
 

आपकी क्या राय है? (कमेन्ट में जरूर दें)

 
इसमें कोई संदेह नहीं कि पर्यटन बढ़ना चाहिए, और विकास आवश्यक है। परंतु विकास वह हो जो स्थानीय जुड़ाव बढ़ाए, न कि विरासत को अजनबी बना दे।
"किले तो कई हैं भारत में, होटल भी बहुत हैं... पर चुनार किला एक एहसास है। राजा भर्तृहरि की तपस्या है।"
अब वो शायद कहेंगी – “Welcome Sir, Your Booking Please?”

Sources:-

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