प्रिय मित्रों ! चुनारगढ़ किला भारत कि ऐतिहासिक विरासत है यह एक अनमोल धरोहर है।चुनारगढ़ किले का इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है यह किला लगभग 5000वर्षों के इतिहास का गवाह है ।जिस पहाड़ी इस किला स्थित है उस पहाड़ी कि प्राकृतिक संरचना मानव चरण के आकार कि है इसलिये इसका एक नाम चरणाद्रिगढ़ भी है इस किले का इतिहास महाभारत काल से भी प्राचीन है।
प्राकृतिक संरचना मानव चरण |
इस किले पर महाभारत काल के सम्राट काल्यवन,सम्पूर्ण विश्व पर शासन करने वाले उज्जैन के प्रतापि सम्राट विक्रमादित्य ,हिन्दु धर्म के अन्तिम सम्राट प्रिथ्वीराज चौहान से लेकर सम्राट अकबर शेरसाह सुरी जैसे शासकों ने शासन किया है। चुनारगढ़ किले का निर्माण किस शासक ने कराया है इसका कोई प्रमाण नहीं है इतिहासकारों के अनुसार महाभारत काल में इस पहाड़ी पर सम्राट काल्यवन का कारागार (जेल )था |
Chunar Fort from Drone |
महाभारत काल के बाद का समय सम्राट विक्रमादित्य का समय माना जाता है। सम्राट विक्रमादित्य के बड़े भाई राजा भतृहरि राजपाठ का त्याग करके सन्यासी हो गये।
भतृहरि गुरु गोरखनाथ के शिष्य थे श्री भतृहरि गुरु गोरखनाथ से ज्ञान लेने के बाद चुनारगढ़ आये और तपस्या करने लगे। उस समय इस स्थान पर घना जंगल था जंगल में हिंसक जंगली जानवर रहते थे इसलिए सम्राट विक्रमादित्य ने योगीराज भतृहरी कि रक्षा के लिये इस स्थान जिर्णोद्धार कराकर एक किले का निर्माण कराया ।
योगीराज भतृहरी इसी किले में समाधिस्थ हुए आज भी इस किले में उनकी समाधि है।ऐसा माना जाता है कि योगीराज भतृहरी कि आत्मा आज भी इस पर्वत पर विराजमान है।
चुनारगढ़ कि धरती पर अनेक तपस्वीयो ने तपस्या किया है। यह पर्वत (किला )योगीराज भतृहरी कि साधना भगवान बुद्ध के चातुर्मास नैना योगीनी के योग का गवाह है।नैनायोगीनी के कारण ही इसका एक नाम नैनागढ़ भी है।
चुनारगढ़ किले ने अनेक उतार चढ़ाव देखे हैं।समय के साथ साथ तत्कालीन शासकों ने इस पहाड़ी पर अलग अलग शैलियों में समय कि आवश्यकतानुसार निर्माण कराया।
योगीराज
भतृहरी समाधिस्थ |
वर्तमान
समय में इस किले को अत्यधिक प्रसिद्धि बाबू देवकीनन्दन खत्री द्वारा रचित
प्रसिद्ध तिलिस्मी उपन्यास चन्द्रकान्ता संतति के कारण मिली।
चन्द्रकान्ता उपन्यास का केन्द्र बिन्दु चुनारगढ़ है।चन्द्रकान्ता एक अद्भुत रचना है इसमें कोई शक नहीं है
चन्द्रकान्ता के उपन्यास का आधार तिलिस्म है तिलिस्म ही इस उपन्यास कि आत्मा है चन्द्रकान्ता उपन्यास में चुनारगढ़ किले के बारे (चुनारगढ़ किले के तिलिस्म के बारे में )में सबसे अधिक वर्णन किया गया है।
चन्द्रकान्ता उपन्यास कि लोकप्रियता का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस उपन्यास को पढ़ने के लिये बड़ी संख्या लोगों ने हिन्दी सिखा (जिन लोगों को हिन्दी नहीं आती थी दुसरे प्रदेश एवं विदेश के लोग जिनके बीच चन्द्रकान्ता उपन्यास लोकप्रिय हुआ) चन्द्रकान्ता पर एक टेलीविजन सीरियल भी बना सीरियल और उपन्यास में चुनारगढ़ के राजा शिवदत्त सेनापति क्रूर सिंह, तारा,भूतनाथ आदि का जिक्र है टेलीविजन सीरियल चन्द्रकान्ता ने लोगों में चुनारगढ़ कि अलग छवि बना दिया ।
टेलीविजन सीरियल के कारण इस किले को विशेष प्रसिद्धि मिली यह किला चन्द्रकान्ता के तिलिस्मी चुनारगढ़ के रूप में जाना जाने लगा लोग इस तिलिस्मि किले किले को देखने के लिये लालायित हो उठे किले को देखने का एक नया सिलसिला शुरू हो गया वर्तमान समय में भी लोग इस किले को चन्द्रकान्ता का चुनारगढ़ समझकर देखने आते हैं ।
दोस्तों मैं यहाँ एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हुं चुनारगढ़ किले से चन्द्रकान्ता उपन्यास में वर्णित कहानी, तिलिस्म ,और किरदारों तारा शिवदत्त भूतनाथ आदि का दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है
यह एक काल्पनिक कहानी काल्पनिक तिलिस्म और काल्पनिक किरदार हैं। चन्द्रकान्ता एक अच्छे उपन्यासकार कि बेहतरीन रचना है चन्द्रकान्ता उपन्यास का चुनारगढ़ किले से कोई सम्बन्ध नही है।
चुनारगढ़ के तिलिस्म कि हकीकत कुछ और है यह तिलिस्मि किला या स्थान वैसा बिल्कुल भी नहीं जैसा चन्द्रकान्ता उपन्यास में वर्णन किया गया है या टेलीविजन सीरियल में दिखाया गया है।
चुनारगढ़ किले के वास्तविक तिलिस्म का चन्द्रकान्ता उपन्यास के काल्पनिक तिलिस्म से दूर दूर किसी तरह का कोई सम्बन्ध नहीं है|
तिलिस्म की एक अलग दुनिया होती है। चुनारगढ़ भारत का सबसे बड़ा तिलिस्मि और रहस्यमयी किला है
इसका प्रमाण इसकी बनावट है इस किले को ध्यान से देखने पर हीं इस किले के तिलिस्म को समझा जा सकता है बलुआ पत्थर से निर्मित चुनारगढ़ के इस किले के हर पत्थर पर किसी न किसी तरह चिन्ह या संकेत है
चन्द्रकान्ता उपन्यास का केन्द्र बिन्दु चुनारगढ़ है।चन्द्रकान्ता एक अद्भुत रचना है इसमें कोई शक नहीं है
चन्द्रकान्ता के उपन्यास का आधार तिलिस्म है तिलिस्म ही इस उपन्यास कि आत्मा है चन्द्रकान्ता उपन्यास में चुनारगढ़ किले के बारे (चुनारगढ़ किले के तिलिस्म के बारे में )में सबसे अधिक वर्णन किया गया है।
चन्द्रकान्ता उपन्यास कि लोकप्रियता का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस उपन्यास को पढ़ने के लिये बड़ी संख्या लोगों ने हिन्दी सिखा (जिन लोगों को हिन्दी नहीं आती थी दुसरे प्रदेश एवं विदेश के लोग जिनके बीच चन्द्रकान्ता उपन्यास लोकप्रिय हुआ) चन्द्रकान्ता पर एक टेलीविजन सीरियल भी बना सीरियल और उपन्यास में चुनारगढ़ के राजा शिवदत्त सेनापति क्रूर सिंह, तारा,भूतनाथ आदि का जिक्र है टेलीविजन सीरियल चन्द्रकान्ता ने लोगों में चुनारगढ़ कि अलग छवि बना दिया ।
टेलीविजन
सीरियल चन्द्रकान्ता |
टेलीविजन सीरियल के कारण इस किले को विशेष प्रसिद्धि मिली यह किला चन्द्रकान्ता के तिलिस्मी चुनारगढ़ के रूप में जाना जाने लगा लोग इस तिलिस्मि किले किले को देखने के लिये लालायित हो उठे किले को देखने का एक नया सिलसिला शुरू हो गया वर्तमान समय में भी लोग इस किले को चन्द्रकान्ता का चुनारगढ़ समझकर देखने आते हैं ।
दोस्तों मैं यहाँ एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हुं चुनारगढ़ किले से चन्द्रकान्ता उपन्यास में वर्णित कहानी, तिलिस्म ,और किरदारों तारा शिवदत्त भूतनाथ आदि का दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है
यह एक काल्पनिक कहानी काल्पनिक तिलिस्म और काल्पनिक किरदार हैं। चन्द्रकान्ता एक अच्छे उपन्यासकार कि बेहतरीन रचना है चन्द्रकान्ता उपन्यास का चुनारगढ़ किले से कोई सम्बन्ध नही है।
चुनारगढ़ के तिलिस्म कि हकीकत कुछ और है यह तिलिस्मि किला या स्थान वैसा बिल्कुल भी नहीं जैसा चन्द्रकान्ता उपन्यास में वर्णन किया गया है या टेलीविजन सीरियल में दिखाया गया है।
चुनारगढ़ किले के वास्तविक तिलिस्म का चन्द्रकान्ता उपन्यास के काल्पनिक तिलिस्म से दूर दूर किसी तरह का कोई सम्बन्ध नहीं है|
समाधि स्थल इफ्तिखार खान |
तिलिस्म की एक अलग दुनिया होती है। चुनारगढ़ भारत का सबसे बड़ा तिलिस्मि और रहस्यमयी किला है
इसका प्रमाण इसकी बनावट है इस किले को ध्यान से देखने पर हीं इस किले के तिलिस्म को समझा जा सकता है बलुआ पत्थर से निर्मित चुनारगढ़ के इस किले के हर पत्थर पर किसी न किसी तरह चिन्ह या संकेत है
More About Chunar : सिद्धनाथ की दरी जलप्रपात - Siddhnath Ki Dari Water Fall at Chunar Mirzapur
एक अजीब सी भाषा लिखी हुयी है जिसे आज इस आधुनिक यग में पढ़ना या समझना मुश्किल है। इसलिए कहा गया है जिसका जर्रा जर्रा तिलिस्मि है उसका नाम चुनारगढ़ है |
गहरीऔर रहस्मयी सुरंगों |
जिसकी सीमाओं का कोई पता नहीं है चुनारगढ किले में सुरंगों का एक जाल सा बिछा है चुनार नगर के निचे कई जगह इसके प्रमाण आज भी मौजूद है एवं समय समय पर इसके संकेत मिलते है इसके अलावा इस किले में कई गहरे तहखाने है जो कि गुप्त रुप रास्तों से एवं एक दुसरे से जुड़े है।
दूर से देखने पर यह किला दिमाग में एक अजीब सा कौतूहल पैदा करता है हर आदमी यह जानने को बेचैन हो उठता है किले निचे बन्द तहखानों में क्या है यही इसका रहस्य भी है
किले के ऊपर एक बहुत गहरी बाउली है जिसमें पानी के अन्दर तक सिढियां बनी हैं एवं इसके दिवारों कई तरह के चिन्ह बने है
जो प्राचीन लिपि (भाषा)कि तरफ संकेत करता है जो इस बाउली को और भी रहस्यमयी बनाता है।चुनारगढ़ किला एक तिलिस्मि आश्चर्य है।
किले में ऊंचाई पर 52 खंभों पर बना हुआ सोनवा मंडप है जिसके निचे रहस्यमयी और तिलिस्मी तहखाना है जिसमें हर वक्त अंधेरा रहता है लोग इसे काल कोठरी समझते है
लेकिन यह केवल एक भ्रम है तहखाने में कई बन्द दरवाजे है इन दरवाजों से किले के भीतर जाने का रास्ता है किले के भीतर बहुत सारे गुप्त स्थान और रहस्यमयी कोठरीयां है |
इसका तिलिस्मि किले का सारा रहस्य बन्द दरवाजों कोठरीयों रहस्यमयी तहखानों में कैद है।
हर किसी के मन में यही सवाल है आखिर चुनारगढ़ किले में इतना गहरा तहखाना इतनी गहरी सुरंगे क्यों और किस कारण से बनायी गयी हैं।
Sonva Mandam |
जो किसी के यहाँ कैद है नक्शे को लेकर कई प्रभालशाली राजनैतिक लोगों के बिच आपसी तनातनी भी हुयी जो कि इस किले कि दुर्दशा का एक बहुत बड़ा कारण है।
ना जाने कितने लोगों ने लोभ और लालच में आकर अपने जान हाथ धो बैठे । किले कई सारे खतरनाक स्थान है ।
भारत कि आजादी के बाद इसके कई खतरनाक गुप्त दरवाजों सुरंगों मुहानो को बन्द कर गया ।
ऐसे बहुत सारे आश्चर्य यहां इस किले में कैद है कुछ का तो पता है कुछ का तो एकदम दफ्न है इस के बहुत सारे रहस्यों को छुपाया दिया गया है इस किले का सही इतिहास किसी को मालूम नहीं है
सबका जिक्र नहीं कर सकता कम शब्दों में अपनी बात समाप्त कर रहा हुं।
भारत कि आजादी के बाद चुनारगढ़ किले के वास्तविक स्वरूप को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है इसका सबसे बड़ा कारण है किले पर P.A.C.का अवैध कब्जा ,लगभग 50वर्षों से इस किले पर P A C का अवैध कब्जा है।
पुरा किला तबाह कर दिया हैP A C ने । हर सरकार इस किले के प्रति उदासीनता दिखाई है। एक ऐसा किला जिसने कई युग देखे जो भारत के गौरवशाली इतिहास का गवाह है वह किला वर्तमान समय में अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।
चुनारगढ़ हम सबकी मातृभूमि है चुनारगढ़ कि पवित्र भूमि पर यह ऐतिहासिक विरासत कराह रहा है आवश्यकता है इसको संरक्षित करने कि सुरक्षित करने कि।
लेखक के बारे में :-
पुष्पराज सिंह चुनार के किले के बारे में काफी दिनों से काम कर रहे हैं यह इनके रिसर्च के बाद की गई जानकारियों से लिया गया है अगर आपको कोई प्रश्न पूछना है तो आप पुष्पराज सिंह से कांटेक्ट कर सकते हैं |
Hi pursottam sir ye kila Khairwar raja ne wanwaya tha esa Khairwar samaj ke logo ka kahna h kya ye sahi h ya galat aap batayee sir pliss
ReplyDeleteHello sir. I am a research scholar....I want to know much about your work. Sir plz reply...
ReplyDeleteचुनार गढ़ के कूप जिसमें लिपि लिखी है उसका अच्छा फोटो उपलब्ध हो सकता हैक्या? अगर हां तो कृपया मेरे मेल पर भेजें। धन्यवाद
ReplyDeleteApna mail Provide kare
DeleteJi mai wha ghoomane gaya tha 27 ko 9598685199 par whatsapp ya telegram massage kijiye mai photo bhej dunga
DeleteSir agar our kuch jankariya ho to batao hum janne ko hai chunar garh . Vijay garh . Nogarh ka ethash
ReplyDeleteचुनार गढ़ के कूप जिसमें लिपि लिखी है उसका अच्छा फोटो उपलब्ध हो सकता है क्या? अगर हां तो कृपया मेरे मेल पर भेजें। धन्यवाद
ReplyDeletemukeshweb.it@gmail.com
9598685199 par massages kijiye mai bhej dunga
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ReplyDeleteStory narrated by Pujari ji is only myth and blind faiths. I hove no idea when our indians will come out from thousands of blind faiths and will adopt rational thinking.
ReplyDeletehello sir , m rajput history pr work kr rahi hu , mujhe chunar garh k bare m or kuch bi janna h ple , history share kare
ReplyDeleteYou can contact admin & Join this group to know more Chunar
Deletehttps://www.facebook.com/groups/rockingchunar/?ref=bookmarks
सर ये चुनारगढ़ उ प्र में है क्या कोई चुनारगढ़ राजस्थान में भी है ?? मैं ये इस लिए जानना चाहता हूं क्यों कि हमारा गौत्र चीनारिया है ओर बाज़ुर्ग बताते थे कि हमारा भी किला था राजस्थान में । अगर आपको इस बारे में कोई जानकारी हो तो बताईएगा प्लीज ।
ReplyDeleteधन्यवाद ।
आज इस पर किस का कब्जा है
ReplyDeleteसर आप अपना नंबर दे दीजिए
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