Sunday 31 July 2022

चुनार गढ़ और चन्द्रकान्ता की पृष्ठ भूमि | Chunar & Chandrkant Tv Shows Connection

 

स्वर्गीय देवकीनन्दन खत्री बनारस के रईस परिवार से जुड़े हुए थे वह तथा उनके परिवार के लोग जंगलो वो वनों के ठेके लिया करते थे इस कारण देवकीनन्दन जी प्रायः इन क्षेत्रो के जंगलो में चक्कर लगाया करते थे आज से सौ वर्ष पूर्व आवागमन के साधन सुलभ न थे तब साधनों के अभाव में इन दुरूह स्थानों तक लोगो का आना-जाना बहुत कम था इन जंगलो में अनेक प्रपात झरने सघन घटिया तथा गुहा झीलों और पहाड़ियों के भरमार है । 

 

 
सैलानी प्रवित्ति के खत्री जी ने नौगढ़, विजयगढ़, तथा चुनारगढ़ के इन्ही प्राकृतिक दृष्यवालियो से प्रेरणा लेकर अपने चन्द्रकान्ता उपन्यास लिखे जंगलो की भयनकता ,हिंसक पशुओ का विचरण तथा इन्ही स्थान पर पुराने जमाने के बने ठीहे तथा गढ़ इनके उपन्यास में बहुतयता से लिये गए है ।

 
उन दिनों छोटी-छोटी जनपद रियासते तथा राज्य हुआ करते थे इन्ही रियासतो के साथ अनेक जमींदार भी जुड़े हुए थे कही, कही यह जमींदार रियासतों से भी अधिक साधन-संपन्न और शक्तिशाली थे फलतः इन लोगो के बीच आपसी लगा -डांगी तथा प्रतिस्पदाये चला करती थी इन रियासतों में तथा जमींदारों के यहा पर्याप्त मात्रा में सैनिक, लठ्ठबाज,मुसाहिब,ऐयार और बहरूपिये भी होते थे 
 

 
 
अपने पालिको की इक्षापूर्ती के लिए लोग कभी-कभी ऐसे अद्भुत अप्रितम और अनूठे कार्यक्रर डालते थे कि जो भी सुनता था सुनकर स्तब्ध और आश्चर्यचकित हो उठता था खत्री जी का इन रियासतों से घनिष्ठ सम्बन्ध था वह इनके यहा बतौर मेहमान रुका करते थे इनसे प्रेरित होकर वह #चन्द्रकान्ता@ लिखने में प्रवित हुए ।
 
इन उपन्यासो को पढ़ने वाला इन चरित्रों को बखूबी हर स्थल पर उपस्थित पाता है दूसरी बात यह है की #चुनार#' #विजयगढ़# और #नौगढ़# ऐसे जंगलो ,नदियों और नालो झरनों ,गुफाओ के मध्य बसा हुआ है जहाँ सहज और आसानी से रहस्यो की कल्पना की जा सकती है बनारस से चुनार की दूरी सड़क मार्ग से 35 किमी ,नौगढ़ 60 किमी और विजयगढ़ 65 किमी है ।
 
चुनार का दुर्ग जहा गंगा तट पर स्तिथ एक विशाल विन्ध्यपर्वत खण्ड पर बना है वही नौगढ़ तथा विजयगढ़ किला जंगलो के मध्य बना हुआ है नौगढ़ और विजयगढ़ के मध्य कैमूर पर्वत की श्रेणियां बिखरी हुयी है इसी कैमूर पर्वत के एक ओर नौगढ़ है और दूसरी ओर विजयगढ़। 
 
पहले काशीराज में चकिया और नौगढ़ मिर्जापुर जिले में थे बाद में स्वतंत्रता मिलने पर ये स्थान बनारस जिले में हो गए इसी प्रकार विजयगढ़ भी मूलतः मिर्जापुर जिले में रहा किन्तु अब नया जिला सोनभद्र बनने पर इसके अंर्तगत आ गया ।
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